1.अपने पशु गाय या भैंस को साफ सफाई से रखें इसके आस पास की सफाई का ध्यान दें
2. पशु की खाने पीने की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए उसको हरा चारा और दान ताजा पानी मिनरल्स समय से मिलना चाहिए
लंपी बीमारी से बचने के उपाय है जिसका इलाज करना बहुत जरूरी है पशुपालक को ध्यान रखना चाहिए कि उनका पशु बीमार ना हो
3. यह बीमारी ज्यादा गाय को होती है जिसको पता लगाना बहुत जरूरी है
4. पशु को मच्छर या मक्खियों के काटने के कारण होती है लंपी बीमारी जो मच्छर से बचाना पशु को बहुत जरूरी है एक पशु से दूसरे पशु तक यह बीमारी फैलने में 7 से 10 दिन तक लगता है जबकि जी पशु को या बीमारी हो जाए उसे पशु को एकांत में रखा जाए और उसे बीमार पशु को अच्छे से डॉक्टर को दिखाना चाहिए
5. इस बीमारी का असर जुलाई और अगस्त में ज्यादा रहता है इन दिनों में पशुपालक को सावधान हो जाना चाहिए
लक्षण (Symptoms)1. शरीर पर गोल-गोल गांठें (लम्प/सोज़) निकलना।
2. बुखार और जानवर का सुस्त होना।
3. दूध उत्पादन अचानक कम होना।
4. आंख, नाक और मुंह से पानी/मवाद निकलना।
6. लंपी बीमारी फैलने का कारण यह बीमारी जुलाई और अगस्त में चारों तरफ पानी जमा होने के कारण मच्छरों की संख्या में वृद्धि होती है और पशु को मच्छर के काटने से लंपी होने की डिजीज आती है अपने पशु के आस पास कहीं पानी जमा ना होने दें अपने फार्म के अच्छे से सफाई रखें
7. लंपी बीमारी आपके पशु को ना हो उसके पहले की सावधानी अपने फार्म की अच्छी सी देखभाल करें लंबी बीमारी से बचने के उपाय आईए जानते हैं
अपने पशु को बीमारी से बचाव करने के लिए क्या करना होगा लम्पी स्किन डिज़ीज़ (LSD / लंपी बिमारी) से बचाव के तरीके
लम्पी बिमारी गाय-भैंस में एक वायरल संक्रमण है जो मच्छर-मक्खी, जूं और सीधे संपर्क से फैलता है। दूध उत्पादन, वजन और जानवर की सेहत पर इसका बहुत बुरा असर पड़ता है।
✅ बचाव के तरीके
- टीकाकरण (Vaccination)
सरकार द्वारा उपलब्ध लम्पी-प्रोवैक या अन्य वैक्सीन लगवाएँ।
6 महीने से ऊपर के सभी पशुओं का टीकाकरण समय पर कराएँ।
- साफ-सफाई
गौशाला रोज़ाना साफ रखें।
गंदा पानी जमा न होने दें
- कीट नियंत्रण
मच्छर, मक्खी और जूं से बचाव के लिए स्प्रे या धूपन करें।
नीम का धुआँ, फिनायल या पेस्टिसाइड का छिड़काव करें।
- बीमार पशु को अलग रखें
8. एक पशु के लिए 500 ग्राम नीम के पत्ते को तीन से चार लीटर पानी में उबालकर उसे पशु को नहलाना चाहिए जबकि अपने फार्म पर बीमारी ना आए तो 1 किलोग्राम नीम के पत्ते को चार 6 से 7 लीटर पानी में एक साथ उबाल कर उसके बाद उसमें ढाई सौ से 400 ग्राम चूना मिलाकर 2 घंटे तक उसको रख दे रखने के बाद 100 ग्राम डेटॉल मिक्स करें और मिक्स करने के बाद मशीन से अपने फार्म पर छिड़काव करें आपके फॉर्म पर कभी बीमारी नहीं आएगी 10 पशुओं के लिए बताया गया उपचार सप्ताह में तीन दिन करने से कोई पशु बीमार नहीं होगा अपने फार्म के दीवारों पर भी छिड़काव जरूर कर
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